बड़े बड़े 3 4 बैंको को आजकल मिलाकर कॉस्ट कटिंग के नाम पर और NPA बढ़ रहा है इसलिए बैंक को प्राइवेट करने का जो तर्क दिया जा रहा है क्या वो जायज है ...
पहले इसके बारे में जो पोसिटिव तर्क दिए जा रहे है उसका विश्लेषण करते है
बैंक एक होगा तो बैंक के पास पूंजी अधिक होगी
कॉस्ट कटिंग होगी तो जो पैसा बचेगा वो बैंक के प्रॉफिट में जुड़ेगा
ग्राहकों को सुविधा होगी
एक देश एक बैंक का सिद्धांत बनाने में मदद मिलेगी
और भी शायद है जिसे आप पर छोड़ दिया है कमेंट बॉक्स में लिखने के लिए ...
अब आते है दूसरे पहलू पर ..
अगर छोटे बैंको को मिला कर बड़ा बैंक ही बनाना है तो एयरटेल, PAYTM, BANDHAN BANK को लाइसेंस क्यो ???
छोटे बैंक खत्म करने से बेरोजगारी बढ़ेगी उसकी जिम्मेदारी किसकी होगी ??
छोटे बैंक की पहुँच छोटे छोटे शहरों गावो तक थी पर बड़ा होने के बाद उनकी पहुँच कुछ सीमित शहरों तक हो जाएगी, वैसे WeBankers को लगता है कि पहले छोटे बैंक को बड़े में मिलाया जाएगा फिर बंद हुए बैंक के बगल में डबल किराये पर बड़े बैंक की शाखा खोली जाएगी , और जितना छोटे बैंक को मिला कर फायदा नही हुआ उससे कही ज्यादा का नई ब्रांच ओपन करने के खर्चे में चला जायेगा ।।
इससे ग्राहकों के दृष्टिकोण से देखा जाए तो कम्पटीशन खत्म हो जाएगा, मोनोपोली किसी भी चीज के लिए अच्छी नहीं होती एक स्वस्थ कम्पटीशन मार्केट के लिहाज से जरूरी है क्योंकि वो हमें कुछ इनोवेटिव करने के लिए प्रेरित करती है ।।
बड़े कॉरपोरेट लोन लेने वालों का ही फायदा ज्यादा होगा क्योकी बैंक के पास अब पर्याप्त पूंजी रहेगी ।।
कर्मचारियों की छटनी होगी और पहले से ही चल रहे दबाव में उनके ऊपर अपने को साबित करने का जबरदस्त दबाव रहेगा ... जिसने अपने महत्वपूर्ण जीवन बैंक को दिए छटनी के बाद वो कहा जाएंगे ??
क्या ये चीजें सही है क्योकि क्या छोटे बैंको को बंद करके,
Paytm, एयरटेल, बंधन बैंक को लाईसेंस देना सही है ... आखिर इकॉनमी का सवाल है और प्राइवेट इकॉनमी से ज्यादा प्रॉफिट देखते है
आप ही मुझे बताइये कि एक से ज्यादा शहरो को बनाने की क्या जरूरत है, एक से ज्यादा मल्टी कॉम्प्लेक्स की क्या जरूरत है
फौज में भी फौजियों की संख्या कम कर दो क्योकि लेटेस्ट बम, हथियार है उनके पास etc etc
मैं बस इतना जानता हू बैंक मर्जर और उसे प्राइवेट करके नौकरियां कम करना और बेरोजगारी को बढ़ावा देना है, जहा जनसंख्या के साथ हर चीज की डिमांड बढ़ रही है, औऱ हर चीज बैंकिंग के दायरे मे आ रही है तो ये कैसे सोचा जा सकता की यहाँ बैंक कम करने से फायदा मिलेगा
ये पूरी तरह से बड़े बड़े बिज़नेस मैन के लिए रास्ता बनाने की कोशिश हो रही है
एक तरफ जनता में NPA ज्यादा है का रोना रोकर बैंक को मिला कर सरकार अपने की सही सिद्ध कर रही है
वही दूसरी ओर प्राइवेट बैंक को तैयार कर के बैठी है जैसे ही मौका मिले मार्केट में पकड़ बना लो
ITC का इतिहास आपके सामने है ही
पर देश हित से संबंधित कुछ चीजें सरकारी ही होनी चाहिए जैसे फौज प्राइवेट नहीं हो सकती वैसे ही बैंक जो अर्थव्यवस्था का मजबूत स्तंभ है उसे प्राइवेट नही होना चाहिए
और एक सज्जन ने बिल्कुल सही कहाँ की बेरोजगारी बहुत है 1 जाएंगे 100 आएंगे
पर क्या बैंक के नजरिए से देखा जाए तो सही है इतनी तेजी से जॉब रोटेशन, एक बैंकर्स को 6 महीने की नौकरी में बहुत कुछ इंटरनल चीज पता लग जाती है अगर वो बाहर जाएगा या बाहर जाने वालों की संख्या तेजी से बढ़ेगी तो निश्चित तौर से बहुत सी फ्रॉड, एटीएम लूट बढ़ेगी
बैंक एक भरोसे की नौकरी है जहां का पहला सिद्धांत ही है ट्रस्ट
ग्राहकों का बैंक के ऊपर ट्रस्ट, साथ ही कर्मचारी भी उस ट्रस्ट को खोने नही देता
पर अगर ऐसे प्राइवेट होने लगा तो और जॉब सिक्योरिटी नही रही तो भविष्य में बहुत सी अनहोनी हो सकती है
एक बात और, मेरे इशारे को लगभग सभी बैंकर समझ गए होंगे पर नॉन बैंकर को शायद समझ मे ना आया हो, यही फर्क पड़ेगा अगर प्राइवेट हो जाएगा सब कुछ
जैसे एक फौजी के पास हथियार होते है वैसे बैंकर के पास भी अर्थव्यवस्था संभालने का हथियार होता है , कुछ भी गलत हुआ तो भुगतना देश को ही पड़ेगा
फिर भी बैंक मर्जर के जो फायदे नुकसान हो सकते है वो कमेंट बॉक्स में जरूर लिखे ।।
मर्जर को सपोर्ट केवल इसलिए नही करना चाहिए क्योंकि हमारे नेता इसका विरोध कर रहे है, ये बात सही है उनकी नेतागिरी खत्म हो जाएगी , कितनी यूनियंस बंद हो जाएगी ... नेता बदल जाएंगे क्योकि मेजोरिटी किसी और यूनियन के नेता को ज्यादा मिल जाएगी
पर इसके उलट देखिए तो कुल मिला कर सरकारी बैंकों को कम करके प्राइवेट बैंक का रास्ता बनाया जा रहा है, अगर ऐसा ना हो तो क्यो नही HDFC, ICICI, AXIS बैंक भी मर्ज कर ले ... इतना ही फायदा होता तो प्राइवेट बैंक सबसे पहले करते क्योकि प्राइवेट की बुनियाद ही फायदा है ।।
अभी भी समय है नींद से जाग जाइये और हमारे साथ प्राइवेट का विरोध करिए क्योकि अभी नहीं तो कभी नहीं