वी बैंकर्स ने आज नई दिल्ली में उपमुख्य श्रमायुक्त (केन्द्रीय) के समक्ष उन बैंक कर्मियों की आवाज को बुलंद किया जिन्हें पात्रता होते हुए भी पेंशन के लाभ से वंचित किया गया है। वी बैंकर्स ने वित्तीय सेवा प्रभाग, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार, रिज़र्व बैंक समेत सभी बैंकों को पक्षकार बनाया है।
वी बैंकर्स ने आरटीआई और शोध के जरिए 29.10.1993 को हुए पेंशन समझौते से लेकर पेंशन रेगुलेशन 1995 के पारित होने तक किए गए छल और कपट को रेखांकित किया है।
आज वी बैंकर्स की टीम का नेतृत्व श्री विनय कुमार खन्ना जी, पूर्व महाप्रबंधक पंजाब नैशनल बैंक ने किया, उनके मुख्य सहयोगी के रूप में श्री अशोक कुमार गुप्ता, पूर्व महाप्रहंधक बैंक ऑफ बडौदा भी शामिल रहे, विधि विशेषज्ञ के रूप में श्री एनसी गुप्ता जी ने भी प्रतिनिधित्व किया। विपक्षी बैंकों के प्रतिनिधियों की संख्या कहीं वी बैंकर्स पर भारी न पड़ जाए इस लिहाज से सर्वश्री राजेश राय, सुनील नागपाल,, राजेश सहगल, सुरेश कुमार गर्ग, अनिल मल्होत्रा,सतीश गर्ग, सुनील गिरधर व अन्य ने अपनी सार्थक उपस्थिति दर्ज करवाई। इन सभी वरिष्ठ जनों को दिल से सलाम !
शीघ्र ही वी बैंकर्स 01.04.2010 के बाद आए युवा बैंक कर्मियों को पुराने बैंक कर्मियों की भांति पेंशन फंड का लाभ दिए जाने के लिए जोर शोर से आवाज मुखरित करने जा रहा है, वी बैंकर्स ने इसके लिए दो साल तक ईमानदारी से प्रयास कर आवश्यक जानकारी और मैटेरियल एकत्रित किया है और अब जा कर वह इस स्थिति में पहुंचा है कि अकाट्य तर्कों के साथ युवा बैंक कर्मियों की आवाज को जोरदारी से मुखरित कर सके।
हमारा यह प्रयास है कि सेवारत और सेवा निवृत्त बैंक कर्मियों में एकता स्थापित हो, सेवा निवृत्त बैंक कर्मियों का ज्ञान और अनुभव युवा बैंक कर्मियों के जोश और उत्साह के साथ संयुक्त होकर मौजूदा व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव का वाहक बने।