1 अक्टूबर से ATM से कैश न निकलने पर सीधे तौर से बैंक पर जुर्माना लगाया जाएगा जिसकी वसूली बैंककर्मचारी से की जाएगी , पर क्या ऐसा करना न्यायोचित है ??
क्या बैंक ने ATM के लिए ही कर्मचारी नियुक्त लर रखे है
क्या बैंक के हर ATM पर कैश नक़द उपलब्ध होता है जहाँ खाली होते ही तुरंत भरा जा सके
क्या ग्राहक कितने आएंगे और कितना कैश निकालेंगे इसका पूर्वानुमान लगाने की कोई टेक्नोलॉजी बैंक ने दे रखी है ,
फिलहाल ऐसा कुछ नही है और ATM की पूरी जिम्मेदारी उस व्यक्ति को ही पूरी करनी होती है जो ग्राहको का दिन भर कैश का काम करता है और उनसे घिरा होता है , अब एक ही व्यक्ति एक समय मे 2 सर्विसेज कैसे दे सकता है ??
अब आते है सिक्के के दूसरे पहलू पर जहाँ कुछ ग्राहको का तर्क है कि जब उनसे ATM का सालाना चार्ज लिया जा रहा है तो मैं जब जाऊ ATM से पैसा निकलना चाहिए क्योकि इसके लिए मैं Annual चार्ज पे कर रहा हूँ ।।
अब आते है आप कितने पैसे ATM के annual charge के रूप में देते है , 365 दिनों का ATM का चार्ज इसका आधा यानी 183 भी नही है , इसका मतलब एक दिन का 50 पैसा से भी कम
अब इस 50 पैसे प्रतिदिन पर कोई सर्विस देने को तैयार नही है , प्राइवेट वेंडर भाग जाते है इसलिए हमारी RBI और बैंक से गुजारिश है कि ATM का सालाना चार्ज बढ़ाया जाए और उससे कर्मचारियों की भर्ती की जाए जिनका एकमात्र काम ATM में कैश की मॉनिटरिंग करना हो ।। फिर न कैश की कमी पड़ेगी और डिजिटल बैंकिंग की जगह नकद लेन देन को बढ़ावा मिलेगा ।।