अभी हाल ही में scam 1992 webseries आयी थी जिसका बेस्ट क्लिप था
"ओल्ड स्कूल हो न्यू सबके सिलेबस में एक चीज कॉमन होता है और वो है प्रॉफिट"
इस तरह का व्यापार और इस प्रकार की सोच को विकसित करने वाले आखिर कौन सी यूनिवर्सिटी से आते है ??
ऐसे टॉप ऑथोरिटी पैसे कमाने के नए रास्ते तलाशने की जगह शार्ट कट तरीके अपनाती है जिसमे मुख्यता ग्राहको पर चार्ज बढ़ाना शामिल होता है
पेट्रोल महंगा हो गया
सड़को पर गाड़ियों की भरमार है
एक गरीब जिसके पास ट्रेन ही एक माध्यम है उसे ये कह कर किराया बढ़ा देना की बिना जरूरत के ये लोग यात्रा करते है इसलिए किराया बढ़ा दो
अभी तो प्राइवेट की बस ये एक झलक है जहाँ केवल मुनाफा ही कमाना है ।।
बैंकिंग में भी देखिएगा कुछ दिन बाद जब हर चीज में ग्राहको से चार्ज वसूल करेंगे सरकारी बैंक को खरीदने वाले और तर्क देंगे कि बहुत कम खाते में पैसा रखता है इसलिए इसका एकाउंट में ज्यादा चार्ज लगा दो तो ये बेचारी गरीब ग्राहक कहा जाएंगे , जिस मेहनत से बैंककर्मचारियो ने दिन रात एक करके अपने आस पास के सभी लोगो का खाता खोला है वो बेचारे कहा जाएंगे ।।
निजीकरण का मूल मंत्र है फायदा कमाना चाहे छल से हो या कपट से
इसमे कर्मचारियों के शोषण करके भी प्रॉफिट कमाने का रिवाज बहुत पुराना है
आज नही कल तो हम गुलाम होने वाले है पर दुनिया उनको याद रखेगी जिन्होंने गुलामी से पहले लोगो को चेताया ।।