केंद्रीय कर्मचारियों को मिलेगा दीवाली पर बोनस और बैंककर्मचारियो को मिलेगा बाबा जी का ठुल्लू ।। - We Bankers

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Friday, October 30, 2020

केंद्रीय कर्मचारियों को मिलेगा दीवाली पर बोनस और बैंककर्मचारियो को मिलेगा बाबा जी का ठुल्लू ।।

Central government announces  Rs 3737 crore bonus for their 30 lac employees on this festive seasons.


आश्चर्य: 

न कोई चख चख, न कोई स्ट्राइक और न ही कोई नेतागीरी या हो हल्ला और केंद्र सरकार के कर्मचारियों को बोनस जारी।

अब जरा हमारे भी नेताओ में कुछ शर्म हाय बाकी हो तो ज़रा ये बात दे कि बैंको में क्या बोनस किसी officer, क्लर्क या sub-staff को मिलता है और नहीं मिला तो पिछले कितने दशकों से नहीं मिला है।आखिर बोनस देने का कोई तो नियम कानून होगा,जब केंद्र सरकार के तृतीय श्रेणी (क्लर्क)को बोनस मिल सकता है तो bank क्लर्क की तो बात ही मत करो बैंको में substaff तक दशकों से बोनस के सुख से महरूम है।



केंद्र के कर्मचारियो को इन त्योहारों पर बोनस का तोहफा और बैंक के नेताओ की Levy पर टेढ़ी नज़र होने के बावजूद  न तो BPS और न ही कोई आर्थिक पैकेज।लगता है बैंक कर्मियो की पिछली दिवाली के साथ साथ इस बार की दीपावली भी BPS की हसरत में निकल जायेगी। 

मई 2018 में 2% के बेज़्ज़ती भरे टुकड़े फेके जाने पर भी बैंक इन नेताओ का खून नही खौला ,अगर ये मानव स्वभाव के होते तो पूरी बैंककर्मचारिओ की बेज़्ज़ती पर इन बेगैरत नेताओ का खून ज़रूर खौलता  और 2018 में ही पूरा खेल हो जाता ,पर इनको तो लंबा खींच कर levy को लंबा करके लेना था।


अचंभा: 

बैंको में हर BPS को एक ऐतिहासिक समझौता declare किया जाता है,  ऐसा दिखाया जाता है कि ये असंभव कार्य था। एक और बड़ा खुलासा ये है कि 24-36 महीने बाद मार्च में indefinite स्ट्राइक का कॉल आता है और फिर IBA व UFBU खेल को the end करने के मूड में आ जाते हैं।इस बार तो इन बेदर्दियो नेताओ ने माँग को मान लिए जाने के बावजूद 2 दिन ( 29th Feb व 1st March 2020)का वेतन अलग से स्वाहा करवा दिया। हाय रे बैंककर्मचारिओ ऐसे बेदर्दी नेता तुम्हारी किस्मत में न जाने कब तक लिखे हैं। और पता नहीं क्यो हम बैंककर्मचारी इनको बरसो से ढोते हुए चले आ रहे हैं।


दूसरा एक और अचंभा:

केंद्र सरकार ने ये जो बोनस announce किआ गया है उस पर किसी भी प्रकार की levy को नहीं काटा जाएगा मतलब सरकार पूरा का पूरा रकम कर्मचारियो के खाते में जमा करेगी, लेकिन बैंको के headoffice द्वारा अनैतिक रूप से बिना कर्मचारी की सहमति के levy को काटकर यूनियन खाते मे जमा कर दिया जाता है जिसकी कुल राशि अरबों में होती है।

केंद्र सरकार में ऐसे बेगैरत एक भी नेता नहीं मिलेगा जो कर्मचारियो को मिलने वाले आर्थिक लाभ पर Levy के रूप मे अपनी हिस्सेदारी की demand करे और वो भी जबरन। 


अज़ी ये भारतीय बैंको में ही संभव है जहाँ कर्मचारियो का 

मानसिक व आर्थिक दोहन किया जाए। ये बोनस की घोषणा अगर बैंको के लिए होती तो नेता लोग वही रटा रटाया भयाक्रांत करने वाले बयान देते की आज की परिस्थितियों में ये समझौता ऐतिहासिक जीत है।


इस बार के नाटकबाजी से पूरे देश के बैंककर्मचारी जान चके हैं है कि आज के ये नेता बहुत ही बेगैरत हैं जो केवल Levy के स्वार्थ के लिए बैंककर्मचारिओ की भावनाओ को अपने जूते तले रौंद डालते हैं।

इन नेताओं का एक ही धर्म है पैसा पैसा और ये पैसे के लिए इतना अधिक गिर गए हैं कि IBA के बेज़्ज़ती भरे 2%,आफर पर ये जैसे चिकने घड़े बन गए थे इनकी जगह पर ईमानदारी से कोई गैरत वाले नेता होते तो उसी समय 2 माह की indefinite स्ट्राइक का कॉल देकर आते। इस बेगैरत नेताओ को UP के बिजली कर्मचारियों से स्ट्राइक  का ककहरा सीखना होगा,उनकी एक दिनी स्ट्राइक पर दूसरे दिन ही मांगों को मान लिया गया। बिजली विभाग की लड़ाई/स्ट्राइक lavy के लोभ के लिए गद्दारी वाली नही थी।

इतना अधिक समय बीतने के बाद अब बैंककर्मचारिओ का धैर्य जवाब दे गया है और हमारे इन नेताओं मक़सद भी बैंककर्मचारिओ को धैर्य की इसी चरम सीमा तक लाना है। बैंककर्मचारिओ की धैर्य की चरम सीमा पर पहुचने पर वो भी यही सोचता है कि अब जो भी मिले वही बहुत होगा,मतलब भागे बहुत की लंगोटी ही बहुत होती है।

बैंककर्मचारिओ की इसी अवस्था की का पूरा दोहन ये नेता करते हैं।फिर ये नेता हर बार की तरह ये टेम्पो हाइ करते हैं कि इन विकट परिस्थितियो में BPS करवाना असंभव सा कार्य था और फिर लाओ लेवी का फरमान निकाल देते हैं।

साथियो इस बार का BPS ये नेता ईमानदारी से चाहते तो मई 2018 में ही फाइनल हो गया होता, अतः इतने delay के कारण Bank wage comm की बुलंद आवाज़ उठाने लगी है और हमारे ये नेता इसका विरोध कर रहे हैं क्यो की इनकी दुकान हमेशा के लिए बंद होने वाली है जबकि पूरे देश का बैंककर्मचारी wage कमीशन के पक्ष में खड़ा है। 

साथियो चाहे पुराने नेता हो या आज के,4th BPS में नेताओ की गंदी नीतिओ से हमारा wage सरकारी कर्मचारियों की अपेक्षा कम दर कम होता गया और आज हम वेतन व पेंशन के मामले में बहुत नीचे गिर गए हैं।

हमारे बेशर्म नेताओं को अब शर्म से डूब मरना चाहिए,हमारे पूरे wage increase का आधा से ज़्यादा central govt ने इन त्योहारों के मौके पर 3770 करोड़ का बोनस के रूप में तोहफा/,खुशियां बांट दी हैं जबकि बैंककर्मचारिओ की पिछली 2018 व 2019 की दीवाली कुछ खुशिओं की आस में ही बीत गई और अब इस वर्ष 2020 की दीपावली भी निकली जा रही है।सरकार के कार्यालय व रेलवे Covid में 6 माह से काम नहीं कर रहे जबकि हम पूरे समय लगातार Covid में काम करते रहे। इस बीच हमने न जाने कितने साथियो को भी खो दिया पर गैर वैधानिक IBA व Levy के इन लोभी नेताओ का पत्थर दिल फिर भी नहीं पिघला/पसीजा।

अब तो सभी बैंककर्मचारिओ की ज़ुबान पर एक ही बात है कि क्या UFBU व IBA के बीच Levy से मिली अरबों रुपये की कुछ बंदरबांट होती है तभी  42 मीटिंग्स व 3 साल delay के बावजूद कोई outcome नहीं निकला।

साथियो अब धैर्य रखने का समय है समय बहुत निकल गया है, कोर्ट में मामला जाने पर हो सकता है कि और लंबा समय निकल जाए, पर अब जो भी होगा वो न्याय के मंदिर में तय होगा और न्याय के मंदिर में अगर हमारी जीत होती है तो इन लोभी नेताओ से हमेशा के लिए छुटकारा मिल जाएगा,हारने पर इन नेताओं के द्वारा कदम दर कदम हमारी दुर्गति होने वाली है,जो कि पिछले 7 BPS के इतिहास से पता लग जाता है अतः हम सबको UFBU में शामिल यूनियनों से हो सकता है कि नाता भी तोड़ना पड़े ।।

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