देश के 10 लाख बैंककर्मचारीयो ने निजीकरण के खिलाफ 2 दिन की स्ट्राइक माह के बीच मे इसलिए की जिससे ग्राहको को ज्यादा परेशानी न हो
हिंदुओ के प्रमुख त्योहार होली के समय इसलिए नही की जिससे आम ग्राहको को परेशानी न हो ।।
यह स्ट्राइक देश मे बैंक को बेचने के खिलाफ की गयी थी क्योंकि इसके बाद बैंकिंग सर्विसेज महंगी हो जाएगी व आम जनता को परेशानी होगी पर ये क्या हो रहा है ।।
कुछ संस्थाए वाद विवाद प्रतियोगिता करा रही है और निजीकरण को जो जायज ठहरायेगा उसे इनाम भी दिया जाएगा , क्या आने वाले भविष्य को यही बताने वाले है कि दुनिया paytm, google pay की कैशबैक जिंदगी तक ही है
क्या निजीकरण में आने वाले भविष्य यानी बच्चो को नौकरी के अवसर दिख रहे है पर ये कौन लोग है जो निजीकरण को जायज ठहरा रहे है ।।
इनाम के लालच में गलत मानसिकता बच्चो के दिमाग मे भर रहे है और उन्हें गलत सोचने पर मजबूर कर रहे है ,
क्या निजीकरण की पैरवी करने वालो के खाते प्राइवेट बैंक में है ??
क्या हर तरह की सब्सिडी प्राइवेट बैंक में आती है ??
अगर ऐसा नही है तो इन गद्दारों से एक ही सवाल है कि कुछ दिन प्राइवेट बैंक की सर्विसेज लीजिए एकाउंट खुलवा कर उसके बाद आप वाद विवाद प्रतियोगिता कराने के लिए भी कटोरे लेकर घूमेंगे ।।
सरकारी बैंक व उसके बैंककर्मचारी इस देश की रीढ़ है जिन्होंने बार बार खुद को साबित किया है , प्राइवेट बैंक जहाँ एक भी सर्विसेज Add on के चार्जेज जोड़ती है सरकारी बैंक आपको मुफ्त सर्विसेज देती है वो इसलिए जिससे बैंकिंग कुछ विशेस लोगो की ही पहुँच में न रहे बल्कि समाज के हर कोने में इसकी पहुँच हो ।।
फैसला आपका है कि वाद विवाद निजीकरण के पक्ष में कराना है या देशहित ग्राहको के हित मे जो कार्य है उसके लिए वोटिंग कराना है ।।